राजस्थान और विशेष रूप से जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर भारत के सबसे शुष्क क्षेत्रों में से हैं। इन जिलों के कुछ हिस्सों में साल भर में उतनी ही बारिश होती है, जितनी भारत के अन्य कुछ हिस्सों में एक ही दिन में होती है। यहाँ का तापमान 50 डिग्री तक पहुँच जाता है और भूजल भी गहरा और खारा है। पानी की कमी इस रेगिस्तान की प्रकृति है, और इस रेगिस्तानी संस्कृति ने पानी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात को जानकर हर मुश्किल में जीने का रास्ता खोजने की कोशिश की है। हालाँकि, समय के साथ पानी प्राप्त करने के तरीके बदल गए हैं। आज के समय में हैंडपंप और बोरवेल का उपयोग बढ़ गया है। पारंपरिक जल स्रोतों के निर्माण और रख-रखाव के प्रति लोगों की संवेदनशीलता कम हुई है। लेकिन जल भंडारण के पारंपरिक स्रोत अभी-भी बहुत प्रभावी और विश्वसनीय हैं।
इन पारंपरिक जल स्रोतों में सबसे प्रमुख हैं हर गाँव में बनाए गए तालाब। अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल), जो पारंपरिक संसाधनों के माध्यम से बिजली पैदा करके भारत में बिजली की खपत को पूरा करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है, कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत सौर संयंत्रों के आसपास के गाँवों में पानी की समस्या पर भी काम कर रही है। अदाणी फाउंडेशन, अदाणी समूह की सीएसआर शाखा है। अदाणी फाउंडेशन ने तालाबों को गहरा करने, तालाबों के जलग्रहण क्षेत्र को बढ़ाने और अधिकतम पानी लाकर तालाब को फिर से जीवंत करने पर काम किया है।
जैसलमेर जिले की पोखरण तहसील के नेदान गाँव के दो तालाब- भोमियाजी तालाब और मगरी तालाब, और माधोपुरा पंचायत की नोतरी तालाब का जीर्णोद्धार किया गया। इसके अलावा फतेहगढ़ तहसील के दवाडा गाँव का चटानिया तालाब शामिल है। तालाब और अगोर को बढ़ाने के लिए हर ग्राम पंचायत और लोगों ने मिलकर काम किया। जल संचयन बढ़ाने के लिए अपशिष्ट जल को तालाब की ओर मोड़ दिया गया। यह तालाब जीर्णोद्धार के कार्य न केवल सतही जल सुनिश्चित करता है, बल्कि भूजल का पुनर्भरण भी करता है।
आलोक चतुर्वेदी (वीपी, लैंड- एजीईएल), श्री गोपाल सिंह देवड़ा (सीएसआर हेड- राजस्थान) धवल पारिख (एजीएम- भूमि) के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण में एजाज फुलवाड़िया (सीनियर पीओ) और दिनेश शर्मा (कम्युनिटी मोबिलाइजर) द्वारा माधोपुरा के सरपंच श्री गफूरखानजी, नेदन के सरपंच श्री शिवदान सिंह जी, दावाड़ा के सरपंच श्री भेरारामजी एवं अन्य ग्रामीणों के सहयोग एवं निरंतर पर्यवेक्षण से कार्य किया गया। आंशिक बारिश ने भी इन झीलों को अच्छी मात्रा में पानी से भर दिया है और आने वाले दिनों में तालाब के भर जाने की उम्मीद है।
आलोक चतुर्वेदी (वीपी, लैंड-एजीईएल) ने कहा कि अदाणी ग्रुप जहाँ अपना व्यवसाय स्थापित करता हैं, वहाँ के लोगों के विकास के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा है और उस विस्तार के विकास के लिए आवश्यक चीजों को करने का हमेशा ध्यान रखा है।
अदाणी ग्रुप के राजस्थान के सीएसआर हेड गोपाल सिंह देवड़ा (सीएसआर हेड- राजस्थान) ने कहा कि अदाणी फाउंडेशन द्वारा आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में तालाबों के जीर्णोद्धार और अन्य जल भंडारण कार्यों और पशुपालन के विकास के लिए आवश्यक कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे।
उम्मीद है कि इस कार्य से भूमिगत जल की मात्रा और गुणवत्ता में भी सुधार होगा। साथ ही यह गाँव के जानवरों, पक्षियों और रेगिस्तान की जैव विविधता के लिए बहुत उपयोगी होगा।