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ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में प्रतीक भट्टाचार्य को बेस्ट डायरेक्टर और विष्णु मिश्रा को सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का मिला अवार्ड

 

 


 

लेखक निर्देशक प्रतीक भट्टाचार्य और ईपी व डीओपी शिव मिश्रा की हिंदी फीचर फिल्म इट्स लाइफ यार. होता है एम एक्स प्लयेर सहित ओटीटी के कई अन्य प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ होकर खूब पसन्द की जा रही है। फ़िल्म को 1 मिलियन से अधिक व्यूज मिल गए हैं।

वन मिलियन का सेलेब्रेशन भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा के हाथों केक काटकर किया गया। इस अवसर पर पद्मश्री गायिका सोमा घोष भी मौजूद थीं जिन्होंने इस फ़िल्म में एक ठुमरी गाई है। इस फ़िल्म और पूरी टीम के लिए एक और खुशखबरी यह है कि आगरा में आयोजित ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल 2021 में प्रतीक भट्टाचार्य को बेस्ट डायरेक्टर और सांग बनारसिया के लिए विष्णु मिश्रा को बेस्ट म्यूज़िक डायरेक्टर का अवार्ड मिला।

ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के संस्थापक और फेस्टिवल डायरेक्टर सूरज तिवारी ने फ़िल्म समापन समारोह के दौरान बेस्ट डायरेक्टर की श्रेणी में प्रतीक भाटाचार्य के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि इट्स लाइफ यार होता है फ़िल्म इस बात को साबित करती है कि यदि फ़िल्म में कहानी, पटकथा, संवाद, कुशल अभिनय और निर्देशन का बेहतरीन समन्वय हो तो फ़िल्म बड़ी स्टार कास्ट और बड़े प्रोडक्शन हाउस की मोहताज नहीं होती। इस फीचर फ़िल्म को देख कर, नये फ़िल्म निर्देशकों और प्रतिभावान कलाकारों को अच्छी फिल्में बनाने का प्रोत्साहन मिलेगा।

वन मिलियन व्यूज का केक काटकर अनूप जलोटा ने प्रतीक भट्टाचार्य और शिव मिश्रा को बेहतरीन फ़िल्म बनाने के लिए बधाई दी और कहा कि सोमा घोष जी का मैं दुनिया का सबसे बड़ा फैन हूँ। इनका गाना सुनकर मैं मंत्रमुग्ध हो जाता हूं। पिछले हफ्ते यह मुझे बनारस में सुनने आई थीं। इन्हें बच्चा बच्चा जानता है क्योंकि उस्ताद बिस्मिल्लाह खान साहब ने इन्हें गोद लिया था, अपनी बेटी बनाया था। इन्हें पद्मश्री से नवाजा गया है।

सोमा घोष ने कहा कि अनूप जी हमेशा नए टैलेंट्स को आगे बढाने और उन्हें प्रोत्साहित करने का नेक कार्य करते है। जैसा कि फ़िल्म का नाम है, यह सिनेमा लाइफ के बारे में है, कुछ भी परेशानी आए कभी निराश और हताश न होना चाहिए और हर मुसीबत को पार करके आगे बढ़ना चाहिए।

बता दें कि द स्टोरी टेलर प्रोडक्शन्स एवं शो गुरु फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फ़िल्म की कहानी, पटकथा, संवाद एवं गीत प्रतीक भट्टाचार्य ने लिखे हैं जिन्होंने फ़िल्म का निर्देशन भी किया है। फिल्‍म इंडस्ट्री में पिछले 17 वर्षों से कहानी, गीत, पटकथा एवं संवाद लेखक के रूप में काम कर रहे प्रतीक भट्टाचार्य ने इस फिल्‍म के द्वारा निर्देशक के तौर पर अपनी पारी की शुरुआत की है।

प्रतीक भट्टाचार्य ने बताया कि जिंदगी में हम कभी कभी बहुत ज्यादा हताश निराश हो जाते हैं। इसका ताजा उदाहरण कोरोना काल और लॉक डाउन के हालात हैं। फिर भी कोई न कोई उम्मीद ऐसी जग जाती है कि हम में जीने का माद्दा जग जाता है। फ़िल्म उसी वनलाइनर के इर्दगिर्द घूमती है। इसकी 80 प्रतिशत शूटिंग वाराणसी में हुई है जबकि 20 पर्सेंट मुम्बई में हुई है। यह फिल्‍म दरअसल पॉज़िटिव सोच के बल पर जीवन को जिंदादिली के साथ जीने की प्रेरणा देती है।

फिल्‍म के कार्यकारी निर्माता और डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी शिव मिश्रा ने बताया कि इस फ़िल्म मे अधिकतर कलाकार नए हैं और पूरा देश घूमकर हमने आर्टिस्ट्स का सेलेक्शन किया है। दिल्ली, जबलपुर, वाराणसी, मुम्बई सहित कई शहरों के कलाकारों की इसमें कास्टिंग हुई है। मुझे लगता है कि छोटे शहरों में भी टैलेंट्स की कमी नही है बस उन्हें एक अवसर की तलाश है।

फ़िल्म के गाने भी इसके हाइलाइट हैं। फ़िल्म में पद्मश्री डॉ सोमा घोष की आवाज में एक ठुमरी है। संगीतकार विष्णु मिश्रा ने इस बेहतरीन गीत को कम्पोज़ किया है, जिसे प्रतीक भट्टाचार्य ने लिखा है। इसमे एक और सूफियाना गीत मन बैरागी सारेगामा फेम सिंगर राजा हसन और रक्तिमा मुखर्जी ने अपनी मधुर आवाज़ में गाया है जिसे तमश्रु चंद्रा ने संगीतबद्ध किया है। फिल्‍म के दोनों गाने स्पॉटीफाई, जिओ सावन, गाना डॉट कॉम, विंक्स म्यूजिक, हंगामा, एम एक्स प्लेयर सहित लगभग 550 अन्य प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज हो कर लोकप्रिय हो चुके हैं।

बता दें कि फिल्‍म के निर्माता डॉ. सुनील सिंह एवं श्रीमती पापिया सिंह हैं। डॉ. सुनील कुमार सिंह मशहूर मनोचिकित्सक हैं और वाराणसी में बुद्धा मेन्टल केअर नामक हॉस्पिटल के संस्थापक भी हैं। फिल्मों और साहित्य में रुचि रखने की वजह से ही डॉ. सुनील कुमार सिंह ने फिल्म निर्माता के रूप में समाज को अच्छी फिल्में देने के उद्देश्य से इंडस्ट्री में कदम रखा है जिसमे उनकी धर्म पत्नी श्रीमती पापिया सिंह उनका पूर्रा साथ दे रहीं है जो क्लासिकल कत्थक डांसर और सोशल वर्कर हैं।

फिल्‍म के ईपी और सिनेमेटोग्राफर शिव मिश्रा का कहना है कि यह फिल्म बनारस के परिदृश्यों को दर्शाती है तथा अधिकांश फिल्‍म वाराणसी के मनोरम घाटों एवं स्थानों पर फिल्माई गयी है। साथ ही इस फिल्म में वाराणसी के प्रतिभावान कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका दिया गया है। 

फिल्‍म के मुख्य कलाकार शिवांकर पाठक और मीनाक्षी पाण्डेय तथा सह कलाकार मयंक शर्मा, तुषार वर्मा, संदीप यादव, दिनेश श्रीवास्तव, पापिया सिंह, सुनन्दीनी सिंह, मेधा झा एवं अन्य कलाकार अनिकेश यादव, रूपम तिवारी, निधी पाण्डेय, कोयल विश्वास, लिपी विश्वास, मयूर राज, बेला भट्टाचार्य, संध्या पाण्डेय, प्रशांत पाण्डेय, खुशी सिंह, अभिषेक शर्मा, दिनेश तिवारी आदि हैं।

फिल्‍म के सह निर्माता प्रदीप भट्टाचार्य एवं मिलिंद परब, सुपरवाइजिंग प्रोड्यूसर सुनन्दिनी सिंह, लाइन प्रोड्यूसर अर्णव सिंह, मुख्य सहायक निर्देशक सूरज खरात, एडिटर लाल यादव, प्रोडक्शन डिजाइनर वरुण सिंह , प्रोडक्शन कॉर्डिनेटर शिवानी मिश्रा आदि हैं।

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