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National Girl Child Day 2022: सोशल मीडिया पर मची बधाई संदेशों की धूम Rajasthan/Gujarat | राष्ट्रीय बालिका दिवस भारत में हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने वर्ष 2008 में की थी। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें बालिकाओ के लिए स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाने समेत कई जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं।
राष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने के लिए 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने का उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उनके साथ होने वाले भेदभाव को दूर करने के लिए संदेश देना है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo App के माध्यम से लोग बधाई संदेश भेज रहे हैं। सोशल मीडिया पर #NationalGirlChildDay ट्रेंड भी कर रहा है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया ऐप कू पर एक पोस्टर शेय़र करते हुए लिखा है कि बेटियों की उन्नति से ही, राष्ट्र की उन्नति संभव है! राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर देश की सभी बेटियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
शिक्षित एवं आत्मनिर्भर बेटियां ही सशक्त भारत एवं सृष्टि के विकास का आधार हैं। आइये आज हम सभी 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के नारे को दोहराते हुए हमारी बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की संरचना करें तथा समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करने संकल्प करें।
वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोशल मीडिया ऐप कू पर एक फोटो शेयर करते हुए लिखा कि बेटियां हमारा अभिमान हैं। बेटियों ने वैश्विक पटल पर सदैव परिवार-समाज-देश का मस्तक गर्व से ऊंचा किया है। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हम बेटियों के अधिकारों के संरक्षण, उनकी उत्तम शिक्षा व स्वास्थ्य तथा उनके सर्वांगीण विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।
हेमाली बोघावाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo App पर पोस्ट किया कि बेटी है तो कल है। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर देश की समस्त बेटियों को हार्दिक शुभकामनाएं। इस विशेष दिवस पर बेटियों के प्रति समाज में जागरूकता एवं उन्हें समान अधिकार दिलाने का संकल्प लें।
बता दें कि भारत में लड़कियों की साक्षरता दर, उनके साथ भेदभाव, कन्या भ्रूण हत्या एक बड़ा मसला है। कन्या भ्रूण हत्या की वजह से लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम है। लड़कियों की साक्षरता दर भी एशिया में सबसे कम है।
एक सर्वे के अनुसार, भारत में 42 फीसदी लड़कियों को दिन में एक घंटे से कम समय मोबाइल फोन इस्तेमाल की इजाजत दी जाती है। अधिकांश अभिभावकों को यह लगता है कि मोबाइल फोन ‘असुरक्षित’ है और ये उनका ध्यान भंग करते हैं।
राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व भारत सरकार ने समाज में समानता लाने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य देशभर की लड़कियों को जागरूक करना है। साथ ही लोगों को यह बताना है कि समाज के निर्माण में महिलाओं का समान योगदान है।
इसमें सभी क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया गया है। उन्हें जागरुक किया गया है कि लड़कियों को भी निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए।