मुंबई : बॉलीवुड के वर्सटाइल एक्टर विश्वजीत प्रधान अब डबल
"धमाका" लेकर आ रहे हैं। दरअसल उनके बैक टू बैक 2 प्रोजेक्ट्स आ रहे हैं।
कार्तिक आर्यन के साथ उनकी फिल्म धमाका की खूब चर्चा हो रही है और वेब
सीरीज आर्या 2 दिसंबर में रिलीज होगी।
विश्वजीत प्रधान अपने इन दोनों
प्रोजेक्ट्स को लेकर बेहद उत्साहित हैं। धमाका में उनका अलग तरह का किरदार
है और आर्या 2 में एकदम डिफरेंट टाइप का है। उन्होंने बताया कि धमाका एक
थ्रिलर सब्जेक्ट है जिसमे कार्तिक आर्यन एक टीवी चैनल के एंकर की भूमिका
में हैं।
यह फिल्म कार्तिक आर्यन की इमेज बदलने वाली है क्योंकि अब तक
उन्होंने रोमांटिक कॉमेडी फिल्मे की हैं। यह एक सीरियस टेन्स माहौल वाली
फिल्म है। ऐड फिल्मों के बादशाह राम माधवानी ने इसे बखूबी डायरेक्ट किया
है. नीरजा जैसी फिल्म डायरेक्ट कर चुके राम माधवानी का स्टाइल ऑफ़ वर्क एकदम
अलग है। एक बड़ी अच्छी फिल्म में मेरा एक इम्पोर्टेंट किरदार है। पूरी
फिल्म मुंबई में १० दिनो में शूट हुई है। राम माधवानी का यह अंदाज है कि
उनके कैमरे हरकत में रहते हैं, एक जगह रखे नहीं रहते।
आर्या वेब सीरिज पिछले साल काफी पसंद की गई थी। अब इसके सेकंड सीज़न को लेकर विश्वजीत प्रधान ने बताया कि आर्या 2 में भी मेरा किरदार वही सम्पत का है जो सीजन वन में था। सम्पत एक गैंगस्टर है, निगेटिव किरदार है मगर उसमे कहीं न कहीं एक ह्यूमर एलिमेंट भी है।
वह एक सॉफ्ट हार्ट भी रखता है। इसलिए कई लड़कियां भी मेरे किरदार को पसंद करती हैं। आर्या का सेंट्रल किरदार सुष्मिता सेन ने कमाल अदा किया है। इत्तेफाक की बात है कि मैंने सुष्मिता सेन की पहली फिल्म दस्तक में भी काम किया था।
काफी लम्बे अंतराल के बाद मैंने उनके साथ काम किया है। आर्या का किरदार काफी चैलेंजिंग है जिसके कई शेडस हैं जिन्हें सुष्मिता ने बखूबी जिया है। राम माधवानी इस के क्रिएटर और डायरेक्टर हैं। उनके साथ यह वेब सीरिज करके मजा आ गया।"
उल्लेखनीय है कि मेरठ से बिलोंग करने वाले विश्वजीत प्रधान के माता
पिता चाहते थे कि वह आई ए एस अधिकारी बनें इसलिए उन्हें उच्च पढ़ाई के लिए
इलाहबाद भेज दिया गया। वहां उन्होंने नाटक में काम करना शुरू किया और फिर
किसी काम से वह दिल्ली गए थे |
जहाँ बाई चांस उन्हें फौजी सीरियल में काम मिल
गया. उसकी शूटिंग के दौरान काफी समय तक वह दिल्ली में रहे और वहां भी
थिएटर में एक्टिंग करते रहे. जब फौजी सीरियल दूरदर्शन पर आया और उनके काम
की सराहना हुई तो उनमें आत्मविश्वास जागा और मार्च 1989 में वह मुंबई आ गए।
यहाँ मोडलिंग की और श्याम बेनेगल के सीरियल में पहली बार काम करने का मौका
मिला। फिर एक दो साल बाद फ़िल्म यलगार मिली जिसके बाद पीछे मुड़कर देखने का
मौका नहीं मिला.
वह कहते हैं "फ़िरोज़ खान साहेब
ने मुझे फिल्म यलगार में बतौर विलेन लांच किया था. वही निर्माता निर्देशक
और एक्टर थे मेरे लिए वह बेहतरीन लांच फिल्म थी. ३२ वर्षों की जर्नी में
२०० से अधिक फिल्मे और काफी धारावाहिक किये हैं. मोहरा, गुप्त, ग़दर जैसी
फिल्मों में निगेटिव किरदार की वजह से लोग याद रखते हैं।"
२०१५
में विश्वजीत ऑस्ट्रेलिया चले गए थे और ५ वर्षों तक वहीँ रहे, हालाँकि
ऑस्ट्रेलिया में भी वह थिएटर कर रहे थे फिर चार पांच साल बाद उन्हें मुंबई
की फ़िल्मी लाइफ खींच लाई और उन्हें शाहरुख़ खान द्वारा प्रोड्यूस की गई
फिल्म क्लास ऑफ़ ८३ मिल गई और इस तरह उनकी दूसरी इनिंग धमाका के साथ स्टार्ट
हो गई।