शिक्षा दिलाने के लिए दर दर की ठोकर खा रहा गाड़िया लोहार का बच्चा
इस फिल्म में महाराणा प्रताप के युद्ध शैली को भी दर्शाया गया है
सीकर: फिल्म शंखनाद का आगाज 23 अगस्त को राजस्थान भर के सभी सिनेमा हॉल में एक साथ होगा। फिल्म की जानकारी देते हुए फिल्म के एक्टर श्रवण सागर ने बताया की फिल्म की कहानी एक ऐसे गाड़िया लोहार के जीवन से जुड़ी है जिसका बच्चा शिक्षा लेकर आगे बढ़ना चाहता है और वह शिक्षा दिलाने के लिए दर दर की ठोकर खा रहा है।
इस फिल्म में दिखाया गया है कि जाति समुदाय राजस्थान ही नहीं अपितु पूरे हिंदुस्तान में रोड साइड में अपनी गाड़ी में एक परिवार के साथ कभी कहीं तो कभी कहीं घूमता रहता है उन परिवार के सामने क्या क्या परिस्थितियां बनती है और किस तरह गाड़ियां लोहारों ने महाराणा प्रताप के साथ अपना जीवन बिताया महाराणा प्रताप की युद्ध शैली और उनके औजार बनाए जाने वाले यह गाड़िया लोहार आज विज्ञान की तकनीकी में कहां विलुप्त होते जा रहे हैं आज गाड़ियां लोहारों के सामने क्या परिस्थितियां हैं और वह अपने वचन निभाने के लिए किस तरह दर दर घूम रहे हैं।
इसी के साथ गाड़िया लोहार का एक बच्चा जो पढ़ लिख कर कलेक्टर बनना चाहता है उसके बारे में फिल्म में दर्शाया गया है फिल्म यह भी दर्शाया गया है कि सभी चीजों का बंटवारा हो सकता है लेकिन शिक्षा का नहीं यह फिल्म सामाजिक रिश्तो के साथ और गाड़िया लोहार के जीवन पर बनी हुई है।
फिल्म के ट्रेलर रिलीज एवम पोस्टर विमोचन में नगर परिषद कमिश्नर श्रवण कुमार, सीएलसी निदेशक श्रवण चौधरी, नगर परिषद नगर परिषद के रेवेन्यू ऑफिसर एवं फ़िल्म के निर्माता प्रमोद कुमार सोनी प्रिंस एजुकेशन हब के पीयूष सुंडा सहित सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र से जुड़े लोग मौजूद थे।
इस फिल्म में महाराणा प्रताप के युद्ध शैली को भी दर्शाया गया है
सीकर: फिल्म शंखनाद का आगाज 23 अगस्त को राजस्थान भर के सभी सिनेमा हॉल में एक साथ होगा। फिल्म की जानकारी देते हुए फिल्म के एक्टर श्रवण सागर ने बताया की फिल्म की कहानी एक ऐसे गाड़िया लोहार के जीवन से जुड़ी है जिसका बच्चा शिक्षा लेकर आगे बढ़ना चाहता है और वह शिक्षा दिलाने के लिए दर दर की ठोकर खा रहा है।
इस फिल्म में दिखाया गया है कि जाति समुदाय राजस्थान ही नहीं अपितु पूरे हिंदुस्तान में रोड साइड में अपनी गाड़ी में एक परिवार के साथ कभी कहीं तो कभी कहीं घूमता रहता है उन परिवार के सामने क्या क्या परिस्थितियां बनती है और किस तरह गाड़ियां लोहारों ने महाराणा प्रताप के साथ अपना जीवन बिताया महाराणा प्रताप की युद्ध शैली और उनके औजार बनाए जाने वाले यह गाड़िया लोहार आज विज्ञान की तकनीकी में कहां विलुप्त होते जा रहे हैं आज गाड़ियां लोहारों के सामने क्या परिस्थितियां हैं और वह अपने वचन निभाने के लिए किस तरह दर दर घूम रहे हैं।
इसी के साथ गाड़िया लोहार का एक बच्चा जो पढ़ लिख कर कलेक्टर बनना चाहता है उसके बारे में फिल्म में दर्शाया गया है फिल्म यह भी दर्शाया गया है कि सभी चीजों का बंटवारा हो सकता है लेकिन शिक्षा का नहीं यह फिल्म सामाजिक रिश्तो के साथ और गाड़िया लोहार के जीवन पर बनी हुई है।
फिल्म के ट्रेलर रिलीज एवम पोस्टर विमोचन में नगर परिषद कमिश्नर श्रवण कुमार, सीएलसी निदेशक श्रवण चौधरी, नगर परिषद नगर परिषद के रेवेन्यू ऑफिसर एवं फ़िल्म के निर्माता प्रमोद कुमार सोनी प्रिंस एजुकेशन हब के पीयूष सुंडा सहित सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र से जुड़े लोग मौजूद थे।